Sunday, November 9, 2008
राम धुन - आजादी पाये हुए हमको बरस पचास
(आजादी की स्वर्ण जयन्ती की पूर्व संध्या पर इंडिया गेट लेसर किरणों की रोशनी में भीगता रहा- एक समाचार १४ अगस्त १९९७)
आजादी पाये हुए हमको बरस पचास ।
टूटे सारे स्वप्न औ' जनमन हुआ उदास ।
जनमन हुआ उदास,पाँच सौ घोटाले हैं ।
उजले कपड़े वालों के धंधे काले हैं ।
कह जोशी कविराय असह दुःख-भार हो गया ।
फिर भी मुश्किल प्रभु तेरा अवतार हो गया ।।
लोकतंत्र से लुप्त है लोक रूप भगवान ।
कण-कण पर हावी हुआ तंत्र रूप शैतान ।
तंत्र रूप शैतान, दुःखी भेड़ें बेचारी ।
कोई भी हो तंत्र गई है खाल उतारी ।
कह जोशी कविराय ठण्ड से कांपें थर-थर ।
कब लोगे अवतार धरा पर हे परमेश्वर ।।
होरी सोता गाँव में अब भी आधे पेट ।
भीगे लेसर किरण में मगर इंडिया गेट ।
मगर इंडिया गेट, ओढ़ करके बरसाती ।
पुलिस फोर्स के बीच रईसी दौड़ लगाती ।
कह जोशी कविराय बाढ़ में डूबे जनता ।
बहे मवेशी बच्चे, कोई बात न सुनता ।।
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And here is an approximate translation -
(On the eve of the Golden Jubilee of India's Independence day, India Gate was immersed in laser show - A news, 14 August 1997)
it has been 50 years since independence |
all dreams are broken and people are sad |
people are sad, with five hundred scandals |
people in white clothes do black dealings |
says joshi kavi, weight of sorrow is unbearable |
to take another avatar, o lord, why are you unable ||
from 'democracy', is missing the 'demo-' god |
everywhere is strong, the '-cracy' demon |
the '-cracy' demon, the sheep are all scared |
no matter what '-cracy', they will be sheared |
says joshi kavi, shivering in bitter cold |
when will you take avatar on the earth, o lord ||
'Hori' still sleeps, half-hungry in the village |
but india gate is, immersed in laser rays|
immersed in laser rays, covered in raincoat |
protected by police, the rich swish by |
says joshi kavi, people drown in floods |
livestock, kids are swept away, but who cares ||
(c) सर्वाधिकार सुरक्षित - रमेश जोशी | प्रकाशित या प्रकाशनाधीन |
Ramesh Joshi. All rights reserved. All material is either published or under publication. Joshi Kavi
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1 comment:
बेहतरीन!! सटीक!!
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