Sunday, November 2, 2008

उनके ख्वाब में


ना हम किसी हिसाब में हैं
ना हम किसी किताब में हैं

लेकिन सदा रहेंगे हम
हम तो उनके ख़्वाब में हैं

हमको जलवों से क्या लेना
हम तो छुपे हिज़ाब में हैं

अपनी शोक सभा में आने
वाले सभी नक़ाब में हैं

सत्ता के दस्तरख्वानो में
हड्डी हमीं कबाब में हैं

क्या बाँचें ख़त हमें पता है
जो कुछ लिखा ज़वाब में है

१७ अगस्त ९५

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And here is an approximate translation -

In their dreams

We are not in any calculations
We are not in any books

But we will remain
For we are in their dreams

What concern we have with beauty
We have to live under veil

At our funeral gathering
Everyone is wearing masks

In the feasts of the powerful
We are the bone in the kebob

Why to read the letter
We already know the reply



(c) सर्वाधिकार सुरक्षित - रमेश जोशी प्रकाशित या प्रकाशनाधीन
Ramesh Joshi. All rights reserved. All material is either published or under publication. Joshi Kavi

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