जिसमें तेरी लिखी कहानी ।
वही ग़ज़ल ना हुई पुरानी ॥
जितना इस दुनिया को जाना
उससे ज्यादा रही अजानी ॥
जीवन में दो ही चीजें थीं
बड़ी प्यास, थोड़ा सा पानी ॥
जितना तेरे साथ रहा मैं
बस उतना ही था बामानी * ॥
पहले सबके मन को समझो
फिर चाहे करना मनमानी ॥
२० अगस्त २००५
* सार्थक (मायने के साथ)
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(c) सर्वाधिकार सुरक्षित - रमेश जोशी । प्रकाशित या प्रकाशनाधीन ।
Ramesh Joshi. All rights reserved. All material is either published or under publication. Joshi Kavi
2 comments:
बहुत खूबसूरत
वीनस केसरी
जिसमें तेरी लिखी कहानी ।
वही ग़ज़ल ना हुई पुरानी ॥
-बहुत सही!
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