नेटवर्क मज़बूत है टी.वी. का श्रीमान |
बचकर जायेगा कहाँ भोला हिन्दुस्तान|
भोला हिन्दुस्तान, 'नेट' में फँस जायेगा |
देख-देख नंगापन, अंधा हो जायेगा |
कह जोशी कविराय, राह जो देख न पाये |
उसे 'मुक्त-बाज़ार' जिधर चाहे ले जाए ||
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And here is an approximate translation -
sir, TV's network is very strong|
where will the naive India escape?
Naive India, will be caught in the "Net' |
will go blind watching overdoze of (near)nakedness|
so says joshi kavi, those who can't see the path |
'free market' will lead them where it wishes!
(c) सर्वाधिकार सुरक्षित - रमेश जोशी | प्रकाशित या प्रकाशनाधीन |
Ramesh Joshi. All rights reserved. All material is either published or under publication. Joshi Kavi
2 comments:
बेहतरीन!!
आपको एवं आपके परिवार को दीपावली की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाऐं.
सही। लेकिन वर्ड वेरीफ़िकेशन हटाओ!
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