Monday, December 1, 2008

मन-कदलीवन


वो शायद ग़मज़दा बहुत है ।
हँसता रहता सदा बहुत है ।

दर्द सुनाया उन्हें उमर भर
फिर भी बाक़ी रहा बहुत है ।

जो अच्छा हो वो रख लेना
वैसे हमने कहा बहुत है ।

तार-तार है मन कदलीवन
इन गलियों में हवा बहुत है ।

उनसे मिलकर क्यों भ्रम तोडें
जिनके बारे सुना बहुत है ।

हमें पता है अपनी किस्मत
वैसे उनकी दुआ बहुत है ।

२२ जून २००१

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And here is an approximate translation -

Trodden hearts (like a banana field)

Perhaps he is very sorrowful
He is always laughing a lot

Told them my woes all life long
Still to tell there is a lot

Keep only whatever is good
Though I have said a lot

Heart is shredded like a banana field
In these alleys, wind blows a lot

Why to meet and break illusions
About whom we have heard a lot

We know our destiny even though
Their kind blessings are a lot



(c) सर्वाधिकार सुरक्षित - रमेश जोशी | प्रकाशित या प्रकाशनाधीन |
Ramesh Joshi. All rights reserved. All material is either published or under publication. Joshi Kavi

2 comments:

श्यामल सुमन said...

है जीवन में दर्द अनोखे।
मिली न राहत दवा बहुत है।।

सादर
श्यामल सुमन
09955373288
मुश्किलों से भागने की अपनी फितरत है नहीं।
कोशिशें गर दिल से हो तो जल उठेगी खुद शमां।।
www.manoramsuman.blogspot.com

shashi said...

चेहरे पर मुस्कान लिए है
लेकिन हमसे खफ़ा बहुत है