Thursday, February 25, 2010
बातें सभी पुरानी हैं
बातें सभी पुरानी हैं ।
राजा है या रानी है ।
ऊपर से जो ठहरी दीखे
झील वही तूफ़ानी है ।
अपनी कहकर जिसको गाया
तेरी राम कहानी है ।
कैसे देखें तेरा चेहरा
आँखें पानी-पानी हैं ।
उजली दाढ़ी , लंबे चोगे
करतूतें शैतानी हैं ।
२६-११-२००९
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(c) सर्वाधिकार सुरक्षित - रमेश जोशी । प्रकाशित या प्रकाशनाधीन ।
Ramesh Joshi. All rights reserved. All material is either published or under publication. Joshi Kavi
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पुस्तक - बेगाने मौसम
Wednesday, February 24, 2010
दिन बीता और शाम हो गई
दिन बीता और शाम हो गई ।
आफ़त एक तमाम हो गई ।
मै'अ कुछ यूँ दी उसने हमको
पीनी हमें हराम हो गई ।
जो ख़ुद से भी नहीं कही थी
वे सब बातें आम हो गई ।
घोड़ा जितना ज़्यादा दौड़ा
उतनी सख्त लगाम हो गई ।
'मुक्त' हुआ व्यापार इस कदर
सारी सोच गुलाम हो गई ।
जो भी दुःख-दंडकवन भटकी
वही जिंदगी राम हो गई ।
२७-७-२००९
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पुस्तक - बेगाने मौसम
Tuesday, February 23, 2010
गर आप हमारे हो जाते
'गर आप हमारे हो जाते ।
तो लाख सहारे हो जाते ।
अँधियारे में रहने वाले
जगमग घर-द्वारे हो जाते ।
उत्तर तुम दे देते तो
हम एक किनारे हो जाते ।
खींचातानी मिट जाती
सब वारे-न्यारे हो जाते ।
अनदेखे रहने वाले हम
आँखों के तारे हो जाते ।
८-१२-२००९
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