(परसादी लाल मीणा ने पोते के मुंडन पर २०-२५ हज़ार लोगों को भोज में बुलाया)
राजनीति में चल रहे तरह-तरह के भोज ।
सोता आधे पेट पर गंगू तेली रोज ॥
गंगू तेली रोज, अगर आटा मिल जाए ।
तो है महँगी दाल कहाँ से जुगत भिड़ाए ॥
कह जोशी कविराय इ कैसी उलझन लादी ।
देना होगा वोट अगर खाली परसादी ॥
(२)
गीता-पाठ
(प्रियंका ने वरुण को गीता पढ़ने की सलाह दी )
असर यहाँ करता नहीं गीता का उपदेश ।
लेकिन उससे बड़ा है पार्टी का आदेश ॥
पार्टी का आदेश, अगर वि.हि.प. जारी कर दे ।
तो कुलदीपक बापू को भी थप्पड़ धर दे ॥
कह जोशी कविराय क्या हुआ गीता पढ़कर ।
भाई-भाई मरे महाभारत में लड़कर ॥
२४ मार्च २००८
(किसी कारणवश ये रचनाएं पहले पोस्ट नहीं हो पाईं , आशा है विषय की शाश्वत रोचकता के कारण अभी भी आनंद देंगी ।)
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(c) सर्वाधिकार सुरक्षित - रमेश जोशी । प्रकाशित या प्रकाशनाधीन ।
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